अगर आप पहले से शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं तब तो एनएफओ के बारे में आप अच्छे से जानते होंगे अगर आप नए है तो आपको चिंता करने की कोई बात नही है आप बिलकुल सही जगह आए हैं।
क्योंकि आज के लेख में हम आपको शेयर बाजार में एनएफओ क्या है? Nfo in Share Market in Hindi, NFO Mutual Fund in Hindi, What is Nfo in Mutual Fund in Hindi, Nfo में निवेश करने से पहले समझें, एनएफओ में निवेश कैसे करें?, कौन सा बेहतर है एनएफओ या आईपीओ? एनएफओ का क्या फायदा है? आदि पर जानकारी देंगे आज के लेख को पढ़ने के बाद आप Nfo को आसानी से समझ जायेंगे।
एन एफ ओ क्या है? NFO Mutual Fund in Hindi
NFO यानी की New Fund Offer आसान शब्दों में इसका मतलब होता है कि कंपनी बाजार में निवेशकों के लिए कोई नया ऑफर लेकर आई है।
जब ऑफर लॉन्च होता है तब इसकी मार्केटिंग की जाती है अखबारों के ज़रिए, न्यूज चैनल के जरिए कंपनियां अपने ऑफर की जानकारी देती है। इनकी खूबियों के बारे में इस तरह से बताया जाता है कि निवेशक इसमें निवेश करेंगे तो उन्हें बहुत अच्छा मुनाफा होगा। इसमें कितनी सच्चाई होती है ये हम आगे लेख में जानेंगे।
Nfo Full Form in Stock Market = New Fund Offer
What is Nfo in Mutual Fund in Hindi
जब भी कोई कंपनी एसेट मैनेजमेंट फंड का कोई नया फंड निकालती है तो वो Nfo के जरिए ही मार्केट में आता है ये बस कुछ ही दिनों के लिए होता है इसका मकसद फंड पोर्टफोलियो के लिए शेयर खरीदवाना होता है जिससे कंपनी जल्दी पैसे इकठ्ठे कर पाए और नए फंड की शुरुआत कर सके। इस पूरी प्रक्रिया को Nfo कहते है।
कई लोगो को ये Ipo के जैसा लगता है लेकिन ये उससे काफी अलग होता है नियमों के अनुसार Nfo की अवधी 3 से लेकर 15 दिनों तक होती है। फंड ओपन होते ही इसमें इन्वेस्टमेंट शुरू हो जाती है जो इसकी तय अवधी तक चलती है।
अगर फंड क्लोज्ड एंडेड है तो इन्वेस्टर Nfo पीरियड के समय इसे सब्सक्राइब करके रख सकता है मतलब उसे होल्ड करके रख सकता है। Nfo के वक्त फंड की NAV (Net Asset Value) बहुत ही कम रखी जाती है जिससे निवेशक आसानी से खरीद सके।
एनएफओ में ओपन एंडेड और क्लोज्ड एंडेड क्या है?
ओपन एंडेड यानी कि निवेश करने के लिए फंड खुला हुआ है जब तक फंड खुला है तब तक आप कभी भी फंड को खरीद और बेच सकते हैं।
क्लोज्ड एंडेड यानी की आप एक तय समय सीमा के अंदर ही फंड को खरीद सकते है लेकिन क्लोज्ड एंडेड में बेच नहीं सकते। ओपन एंडेड में बेच सकते हैं। इसमें फंड खरीदने के बाद आप इसे अपने मैच्योरिटी समय पूरा होने तक होल्ड करके रख सकतें हैं।
NFO में निवेश करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें?
आपको Nfo में निवेश करने से पहले निम्न बातों का ध्यान रखना है जैसे
1. फंड की थीम
जब भी आप किसी एनएफओ में निवेश करने जा रहे है तो उससे पहले फंड की थीम पर ध्यान दें वो ऐसे की फंड की एक यूनिट का मूल्य अभी 20 रूपये है तो क्या आने वाले समय में ये बढ़ेगा।
आपको सेक्टर भी देखना है की आने वाले समय में कौन से सेक्टर में बढ़ोतरी हो सकती है उसी के हिसाब से Nfo फंड का चुनाव करें।
2. फंड के नाम और रेपुटेशन
निवेश करने के पहले फंड के नाम और उसके रेपुटेशन को चेक करें जैसे कोई कंपनी पुरानी है मान के चलते है Tech Mahindra जो की बहुत पुरानी कंपनी है और इसका नाम और रेपुटेशन दोनो अच्छी हैं तो आप इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं।
वही अगर कोई नई कंपनी है जिसका आपने पहले कभी नाम नहीं सुना ऐसी कंपनी में निवेश करने से बचना चाहिए। और निवेश करने से पहले उसके पिछले 5 से 10 सालो के फंडामेंटल रिकॉर्ड जरूर चेक करें की कंपनी ने कैसा परफॉर्म किया है।
आपको फंड हाउस या फंड मैनेजर को भी देखना होता है निवेश करने से पहले आपको ये जानना जरूरी है की अभी उस फंड हाउस या फंड मैनेजर ने कैसा काम किया है।
3. सेम सेक्टर के बाकी म्यूचुअल फंड का रिटर्न चेक करें
अगर NFO नया है और उसका कोई पास्ट रिकॉर्ड नहीं है तो आप उसी सेक्टर के दूसरे फंड का रिटर्न चेक करें 2 से 4 फंड चेक करे इस से आपको आइडिया लग जायेगा की सेक्टर कैसा परफॉर्म कर रहा है।
सस्ते के चक्कर में लालच में आकर निवेश ना करें बल्कि पहले से चल रहे अच्छा रिटर्न देने वाले फंड में ही निवेश करें।
4. पूरा पोर्टफोलियो चेक करें
एनएफओ के ऑफर को चेक करें आपको चेक करना है की अगर वो इक्विटी फंड है तो उस सेक्टर के किन शेयर में पैसा निवेश कर रहा है।
वहीं अगर आप डेबट फंड के एनएफओ में निवेश कर रहे है तो उसकी क्रेडिट रेटिंग चेक करें पोर्टफोलियो में जो बॉन्ड है सिक्योरिटी है उनकी रेटिंग क्या है।
एक ही सेक्टर के फंड का रिटर्न एक जैसा नही होता सबका अलग अलग होता है क्योंकि उनका स्टॉक सिलेक्शन अलग होता है।
5. बाजार पर ध्यान दें
किसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने एनएफओ लॉन्च किया और किसी कारण वश पूरा मार्केट डाउन चाल रहा है और लिस्टिंग के समय उसका प्राइस 10 रूपये हैं और आप इस समय निवेश करेंगे तो उसे रिकवर करने में काफी समय लग जायेगा इसलिए बाजार पर ध्यान देकर ही निवेश करें।
- NFO सीमित अवधि के लिए ही खुलता है
- ओपन या क्लोज्ड एडेंड फंड पर नजर जरूर डालें
- फंड पैसिव है या एक्टिव इसकी जानकारी रखें
- NFO में क्या नया ऑफर हो रहा है उसे ध्यान से समझें
- अगर पोर्टफोलियो के लिए फायदेमंद है तभी निवेश करें
कौन सा बेहतर है एनएफओ या आईपीओ?
हम आपको दोनो के बीच का अंतर बता रहे है जिसके जरिए आपको आइडिया लग जायेगा दोनो में कौन बेहतर है।
एनएफओ
- नए ऑफर के साथ म्यूचुअल फंड की शुरुआत की जाती है जनता को नया ऑफर दिया जाता है।
- इसकी शुरुआत बाजार में एक नया म्यूचुअल फंड लॉन्च करने के लिए की जाती है।
- इसमें फंड यूनिट होती है।
- म्यूचुअल फंड स्कीम (कंपनी का प्रोडक्ट) होता है।
- इसमें Amc ही Nfo की कीमत तय करता है।
- फंड यूनिट को कीमत Nfo के लिए आम तौर पर रूपये दस निर्धारित की जाती है डिमांड के आधार पर NAV में बदलाव होता रहता है।
आईपीओ
- इसमें शेयर के रूप में इसकी शुरुआत की जाती है।
- इसकी शुरुआत कंपनी की पैसों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाता है।
- इसमें शेयर होते हैं।
- इसमें खुद कंपनी होती है।
- इसमें कमानी के शेयर की कीमत बैंक के द्वारा की जाती है जो आईपीओ के लिए प्राइस डिसाइड करता है।
- शेयर की कीमत मांग और आपूर्ति से डिसाइड की जाती हैं।
आईएफओ और एनएफओ में इन्वेस्ट करने से पहले कुछ बताएं ध्यान में रखें जैसे
- बाजार में अब तक कंपनी का प्रदर्शन कैसा रहा।
- निवेश बैंको द्वारा कंपनी का फंडामेंटल देखें।
- प्रोस्पेक्टस का ध्यान से विश्लेषण करें।
- अपने जोखिमों को खुद से देखें।
- म्यूचुअल फंड की स्कीम के फंड मैनेजर के बारे में गहनता से जानें।
- जोखिम, लोक इन पीरियड, खर्च, स्कीम आदि को ध्यान से समझे।
- इन्वेस्टमेंट करते समय ध्यान, धैर्य और विवेक से करें।
- इन्वेस्टमेंट करने से पहले रिसर्च अच्छे से करें।
एनएफओ का क्या फायदा है?
एनएफओ का पहला फायदा ये है की इसमें Nfo और Nav के बीच अच्छा अंतर होता है और कभी कभी ये अंतर फायदेमंद साबित होता है।
क्लोज़्ड फंड एनएफओ अनुशासित निवेशक बनने के लिए एक अच्छा विकल्प हैं ज्यादातर क्या होता है लोग निवेश करते तो है लेकिन धैर्य नही रखते लाभ लिए बिना ही बाहर हो जाते है। क्लोज़्ड एंडेड में लोक इन सुविधा होती है जिससे निवेशक अपना निवेश बनाए रखते है जिससे उनके अंदर धैर्य और अनुशासन आता है। और उनके लाभ होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
एनएफओ में निवेश कैसे करें?
एनएफओ में निवेश करने के लिए आपके पास एक डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए। एनएफओ आने के बाद आप 15 दिन के अंदर ऑनलाइन निवेश कर सकते है और ऑनलाइन बेच भी सकते हैं। आप किसी ब्रोकर के माध्यम से भी एनएफओ में निवेश कर सकते हैं।
FAQ’s
क्या Nfo में निवेश करना सही है?
Nfo में निवेश करना तब सही जब वो किसी पुरानी और अच्छा प्रदर्शन वाली कंपनी का हो।
मैं एनएफओ कैसे खरीद और बेच सकता हूं?
आप ऑनलाइन ब्रोकरेज कंपनी के माध्यम से या ऑफलाइन ब्रोकर के माध्यम से एनएफओ खरीद और बेच सकतें हैं बस आपके पास एक डीमैट ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए।
निष्कर्ष
नए एनएफओ का आप पिछला रिकॉर्ड नहीं देख सकते इसलिए इसमें निवेश करना रिस्क भरा हैं क्योंकि एक नया फंड होता है। हमारा मानना है अगर आप थोड़ा जोखिम ले सकते है तभी NFO में निवेश करें या आपको मार्केट की पहले से नॉलेज है तब निवेश करें।
इसके बदले आप उन म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते है जिनका पिछला प्रदर्शन अच्छा रहा हो और दोस्तो कही भीं निवेश करने से पहले उसकी पूरी जानकारी हासिल करलें अपने रिस्क को ध्यान में रखकर ही निवेश करें।
आज के लेख में हमने आपको एनएफओ (NFO) म्यूचुअल फंड के बारे में विस्तार से जानकारी दी आपको जानकारी कैसे लगी कॉमेंट के जरिए जरूर बताएं यहां तक लेख को पढ़ने के लिए धन्यवाद।
- शेयर मार्केट कैसे सीखे? हिन्दी में